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Spot-fixing scandal
आईपीएल की शुरुआत से ही लोग इसके रोमांचक मुकाबलों को टेढ़ी नजर से देखते आ रहे हैं. आईपीएल की शुरुआत में ही क्रिकेटरों और खेल विशेषज्ञों ने यहां मैच फिक्सिंग की अटकलें लगाई थीं लेकिन अभी तक यह कभी साबित नहीं हो सका था. पर आखिर कब तक कोई खेल पर्दे के पीछे रहता, आखिरकार खोजी पत्रकारों ने आईपीएल में चल रही धांधली को सबके सामने ला दिया. हाल ही में एक स्टिंग ऑपरेशन कर एक निजी चैनल ने ऐसा वीडियो जारी किया है जिसमें आईपीएल के नामी खिलाड़ी स्पॉट फिक्सिंग करते हुए नजर आए हैं.
टीवी चैनल इंडिया टीवी ने दावा किया है कि उसने एक स्टिंग आपरेशन किया है जिसमें कई खिलाडि़यों को छिपे हुए कैमरे में यह स्वीकार करते हुए कैद किया गया है कि उन्हें अनधिकृत रूप से नीलामी में तय राशि से कहीं अधिक पैसा मिलता है.
टीवी चैनल के मुताबिक उसके आपरेशन में खुलासा हुआ है कि आईपीएल में स्पॉट फिक्सिंग मौजूद ही नहीं है बल्कि प्रथम श्रेणी मैचों को भी फिक्स किया जाता है और महिलाएं मैच फिक्सिंग में अहम भूमिका निभाती हैं.
आईपीएल और हसीनाओं का जाल
आईपीएल मैचों में फिक्सिंग के लिए हसीनाओं के इस्तेमाल की खबर पिछले सीजन में भी आई थी लेकिन तब चीयर लीडर होने की वजह से उस लड़की की बात पर किसी ने विश्वास नहीं किया था लेकिन इस बार तो मामला बेहद संगीन और साफ-साफ नजर आ रहा है. वीडियो और ऑडियो टेप के जरिए कुछ खिलाड़ियों को खुले तौर पर मैच फिक्सिंग में लिप्त देखा जा रहा है.
वैसे हसीनाओं और क्रिकेट में फिक्सिंग का खेल कोई नया नहीं है. सभी जानते हैं कि किस तरह पाकिस्तानी खिलाडियों को मैच फिक्सिंग में शामिल करने के लिए हसीनाओं का सहारा लिया गया था. लगता है भारत में भी आईपीएल के दौरान हसीनाओं के हुस्न के जाल में खिलाडियों को फंसाने का कार्य चल रहा है.
इन खिलाड़ियों पर है नजर
स्टिंग आपरेशन में किंग्स इलेवन पंजाब के खिलाड़ी शलभ श्रीवास्तव और अमित यादव, पुणे वारियर्स के मोहनिश मिश्रा, डेक्कन चार्जर्स के टीपी सुधींद्र को दिखाया गया है. इनमें से टीपी सुधींद्र तो नो बॉल फेंकने के लिए 50 हजार तक मांगते हुए देखे गए.
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